तेरा आना जिॅदगी मे मेरी..एक खुशनुुुमा एहसास था---बरसो तेरा घर को महकाना..एक
इबादत..शाही रूतबे का पैगाम था--वो चेहरा,वो आॅखे..वो बेहद मासूम सी तेरी शरारते--
कभी लिपटना,कभी घॅटो मेरी नजऱो से ओझल होना..फिर अचानक गोद मे मेरी सिमट
जाना--तेरी जगह आज भी वैसी है..तेरा वजूद आज भी कायम है--सीने मे आज भी वही
तडप कायम है--हा तू कही गया ही नही,मेरे वजूद-मेरी रूह मे अब भी शामिल है---
इबादत..शाही रूतबे का पैगाम था--वो चेहरा,वो आॅखे..वो बेहद मासूम सी तेरी शरारते--
कभी लिपटना,कभी घॅटो मेरी नजऱो से ओझल होना..फिर अचानक गोद मे मेरी सिमट
जाना--तेरी जगह आज भी वैसी है..तेरा वजूद आज भी कायम है--सीने मे आज भी वही
तडप कायम है--हा तू कही गया ही नही,मेरे वजूद-मेरी रूह मे अब भी शामिल है---