Friday 17 June 2016

ना देख शोख निगाहो से मुझे..दुनिया से बेखबर हो जाए गे--ना उठा नाज इतने मेरे..

तेरी इस आदत के मशगूल हो जाए गे--तेरी चाहत मे तडपना सीखा है मैने..दूर जाना

नही बिखर जाए गे--हर ऱाज तेरा है मेेरे सीने मे,मेरी हर खता को छुपाया है तुम नेे--वो

पल जो भीगे है मुहबबत के शाही रॅगो मे..बाॅध ले रूहे-वफा मे अपनी..कि जुदा हो कभी

इस से पहले....मर जाए गे...हा मर जाए गे---

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...