हमारे एक आॅसू पे कभी जान लुटा देने वाले..हमारे चेहरे पे दरद की लकीरो को पढने
वाले..खामोशी की वो बिखरी सी जुुबाॅ समझने वाले..कभी हलकी सी हॅसी मे मेरी तमाम
खवाहिशो को जिॅदगी देने वाले..आज बिखरे है मेरे आॅसू चारो तरफ,दरद की चादर मे
लिपटा है तेरा नूरे-बदन..लौट आओ लौट आओ..मेरी साॅसो को मुझ से जुदा कर देने
वाले..
वाले..खामोशी की वो बिखरी सी जुुबाॅ समझने वाले..कभी हलकी सी हॅसी मे मेरी तमाम
खवाहिशो को जिॅदगी देने वाले..आज बिखरे है मेरे आॅसू चारो तरफ,दरद की चादर मे
लिपटा है तेरा नूरे-बदन..लौट आओ लौट आओ..मेरी साॅसो को मुझ से जुदा कर देने
वाले..