हर बेताब तमनना की तरह कयू दिल मे उतर गए हो तुम--इक बेमौसम बरसात की
तरह अकसर इन आॅखो से बरस जाते हो तुम--कभी खिलखिलाती हॅसी बन कर मेरे ही
जीवन मे उतर जाते हो तुम--ना याद करना चाहू तुमहे तो भी मेरे खवाबो मे दुआ बन
कर छा जाते हो तुम--अब कहते है शुकरीया हमदम..गुलिसता बन कर साॅसो मे घुल
गए हो तुम---
तरह अकसर इन आॅखो से बरस जाते हो तुम--कभी खिलखिलाती हॅसी बन कर मेरे ही
जीवन मे उतर जाते हो तुम--ना याद करना चाहू तुमहे तो भी मेरे खवाबो मे दुआ बन
कर छा जाते हो तुम--अब कहते है शुकरीया हमदम..गुलिसता बन कर साॅसो मे घुल
गए हो तुम---