Tuesday 14 June 2016

वादियो मे फैली है खूबसूूरती इतनी..यह आॅखे फिर भी बेवजह कयू भर आई है--चेहरे

का नूर है बरकरार उतना..मन के किसी कोने मे यह उदासी कयू घर कर आई है--कोई

शिकवा नही ऐ जिॅॅॅदगी तुझ से..फिर यह अजनबी सी परेशानी कयू दिल पेे छाई है--घुल

रही है साॅसो मे खुशबू इतनी..फिर भी किस की चाह मे यही साॅसे कयू थम सी आई है--

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...