निगाहो के जादू से बच कर कहा जाओ गे--पहनाई है पैरो मे बेडिया अब बच कर कहा
जाओ गे--रिशता जो दिया है बाहो का,इन नगमो की गूॅज से कितनी दूर निकल पाओ गे
रौशनी मिलती नही हर किसी को,इशक के इस रूप मे--हम मिले तुम से कभी,चाॅदनी के
सरूर मे--हवाले खुद को कर दिया तेरे..अब बताओ तुम कहा जाओ गे---
जाओ गे--रिशता जो दिया है बाहो का,इन नगमो की गूॅज से कितनी दूर निकल पाओ गे
रौशनी मिलती नही हर किसी को,इशक के इस रूप मे--हम मिले तुम से कभी,चाॅदनी के
सरूर मे--हवाले खुद को कर दिया तेरे..अब बताओ तुम कहा जाओ गे---