रॅजिशे मिटा दे अब दिलो की..कि पास मेरे आजा--बारिश की बूॅदो मे छिपे हैै एहसास
कई..जरा नजदीक तो आजा--थम जाए गा यह तूफान भले लेकिन..अॅदर के तूफान को
समेटने जलदी आजा--मेरी शोखी मे छिपी है मेरी मासूम हॅसी ..इस उजली सी धूप मे
बहकने केे लिए ही आजा--परदे मे छुपाया है नूरानी चेहरा..झलक इस की पाने के लिए
तू लौट के फिर आजा...फिर आजा---
कई..जरा नजदीक तो आजा--थम जाए गा यह तूफान भले लेकिन..अॅदर के तूफान को
समेटने जलदी आजा--मेरी शोखी मे छिपी है मेरी मासूम हॅसी ..इस उजली सी धूप मे
बहकने केे लिए ही आजा--परदे मे छुपाया है नूरानी चेहरा..झलक इस की पाने के लिए
तू लौट के फिर आजा...फिर आजा---