पननो पे लिखी,लफजो मे ढली..किताब बन कर, बनी है जिॅदगी यह मेरी--कुछ है मेरी
खुशी के लमहे,कुछ यादो की बिखरी शाम--दरद के अलफाजो ने बनाया है इसे,देने के
लिए दुनिया को कुछ पैगाम--गुजर चुका वकत जो कभी लौट कर ना आए गा..मेरी हर
खामोशी.. सादगी मे ढल कर बन जाए गी....यह मेरी तनहाॅ यादगार--
खुशी के लमहे,कुछ यादो की बिखरी शाम--दरद के अलफाजो ने बनाया है इसे,देने के
लिए दुनिया को कुछ पैगाम--गुजर चुका वकत जो कभी लौट कर ना आए गा..मेरी हर
खामोशी.. सादगी मे ढल कर बन जाए गी....यह मेरी तनहाॅ यादगार--