गुजरती रही यह जिॅदगी,और हम तनहाॅ होते रहे--तेरी हर याद को साथ लिए,हम हर
सॅजीदगी राहो से गुजरते रहे--हर नजऱ के धोखे को,सिरे से नकारते रहे---यह तनहाई
तो बस हमारी है,गैरो को खुद से हजारो कदम दूर रखतेे रहे--सूूरत की मासूमियत पे
हमे कमजोर समझ,दुनिया के नापाक इरादो को हम दूर झटकते रहे----
सॅजीदगी राहो से गुजरते रहे--हर नजऱ के धोखे को,सिरे से नकारते रहे---यह तनहाई
तो बस हमारी है,गैरो को खुद से हजारो कदम दूर रखतेे रहे--सूूरत की मासूमियत पे
हमे कमजोर समझ,दुनिया के नापाक इरादो को हम दूर झटकते रहे----