Saturday 14 May 2016

छुए गे तुझे यकीकन जल जाए गे--बाहो मे जो भर लो गे तो कसम से,बिलकुल पिघल

जाए गे--तेरी चाहत का नशा है गहरा इतना कि सॅभलना चाहे तो भी ना सॅभला जाए गा

चाॅद से कहते है कयू आते हो रातो मे,मेहबूब को देखने के लिए तेरी रौशनी का नशा

कम लगता है--बिछाते है जुलफे गहरी कि अपने सनम को छुुपाने के लिए यह अॅधेरा भी

कम लगता है--

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...