हरदिल अजीज रहे तुम..फिर कयू राहे बिखर गई--जिॅदगी तो चुपचाप चलती रही..बस
किसमत कही थम सी गई--हाथो की लकीरो मे था नाम तेरा..पर लकीरे अचानक मिट
कयू गई--दिन चले,बदली तारीखे कई..पर तलाश थी जिस शाम की...वो कयू कही
मिलती नही--जुडे दिल तो बार बार..पर धडकन कयू बॅद होती गई--
किसमत कही थम सी गई--हाथो की लकीरो मे था नाम तेरा..पर लकीरे अचानक मिट
कयू गई--दिन चले,बदली तारीखे कई..पर तलाश थी जिस शाम की...वो कयू कही
मिलती नही--जुडे दिल तो बार बार..पर धडकन कयू बॅद होती गई--