तेरा आना..मुझ से मिल कर फिर चले जाना..मुझ मे अपने पयार का वो एहसास भरना
कितना कहे शुकरीया तुझ को..कितनी वफाए देते रहे तुझ को...रॅग भरे है मेरी रूह मे
तेरी रूह के वजूद ने..कौन समझे गा यहा तेरे मेरे इस पयार को...यह दुनिया है वो जो
चलती साॅसो मे ठुकराती है..फिर रूहे-जशन को कौन पहचाने गा यहा...
कितना कहे शुकरीया तुझ को..कितनी वफाए देते रहे तुझ को...रॅग भरे है मेरी रूह मे
तेरी रूह के वजूद ने..कौन समझे गा यहा तेरे मेरे इस पयार को...यह दुनिया है वो जो
चलती साॅसो मे ठुकराती है..फिर रूहे-जशन को कौन पहचाने गा यहा...