Wednesday 18 May 2016

अॅदाज तेरा छू लेने का..जैसे कही दिल मे एहसास जगा गया--भर कर निगाह मुझे यू

देखना..जिसम मेे हलचल मचा गया--आलम है यह,रखते है पाॅव धरती पे..उडते है दूर

आसमाॅ मे--खुद ही को निहारते है बार बार आईने मे--बदला घिरेे या बरसे गगन,होती

रहे शामो सहर--खवाबो मे आना तेरा,दुलहन मुझे जैसे बना गया--

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...