जनून तेरी मुहबबत का,कहा ले जाए गा पता नही--बहकना हर बार तेरे ही साथ,कब
कहा ले जाए गा पता ही नही--ऱाज कितने ही चुराए है तेरी जिॅदगी के मैने,गर खोले गे
इसे..तू कहा जाए गा पता नही--मेरी ही हॅसी मे छिपे है अफसाने हजारो,बताए गे तो
कया होगा...यह भी तो पता ही नही--
कहा ले जाए गा पता ही नही--ऱाज कितने ही चुराए है तेरी जिॅदगी के मैने,गर खोले गे
इसे..तू कहा जाए गा पता नही--मेरी ही हॅसी मे छिपे है अफसाने हजारो,बताए गे तो
कया होगा...यह भी तो पता ही नही--