अशक बहाने के लिए नही है यह जिॅदगी हमदम..मुसकुरा दे कि मेरी बाहो मे जीने के
लिए बनी है यह जिॅदगी हमदम...चलना सिखाया है तुझे फूलो पे मैनेे,यू राख ना कर
औरो के लिए यह सपने मेरेेे जानम...पाक मुहबबत की पनाहो मे रहने दे..खुद को ..मुझ
को...खुदा को सजदा कर और यह दीवार हटा दे मेरे हमनशीॅ..मेरे हमदम....
लिए बनी है यह जिॅदगी हमदम...चलना सिखाया है तुझे फूलो पे मैनेे,यू राख ना कर
औरो के लिए यह सपने मेरेेे जानम...पाक मुहबबत की पनाहो मे रहने दे..खुद को ..मुझ
को...खुदा को सजदा कर और यह दीवार हटा दे मेरे हमनशीॅ..मेरे हमदम....