खुश रहने की वजह जो दी है तुम ने..उस से इॅकार नही मुझ को..मेरी हर हसरत को
मुहबबत की इॅतिहा मे डुबो कर,रौशन-ए-वफा दिया है मुझ को...इशक तेरे को दिल से
निभाए गे जानम..इतबार तो कर मुझ पे हर पल जानम...इतनी खुशिया जो डाली है
दामन मे मेरे..महका है जो जीवन मेरा,उस से इॅकार नही मुझ को....
मुहबबत की इॅतिहा मे डुबो कर,रौशन-ए-वफा दिया है मुझ को...इशक तेरे को दिल से
निभाए गे जानम..इतबार तो कर मुझ पे हर पल जानम...इतनी खुशिया जो डाली है
दामन मे मेरे..महका है जो जीवन मेरा,उस से इॅकार नही मुझ को....