Friday 29 April 2016

खुश रहने की वजह जो दी है तुम ने..उस से इॅकार नही मुझ को..मेरी हर हसरत को

मुहबबत की इॅतिहा मे डुबो कर,रौशन-ए-वफा दिया है मुझ को...इशक तेरे को दिल से

निभाए गे जानम..इतबार तो कर मुझ पे हर पल जानम...इतनी खुशिया जो डाली है

दामन मे मेरे..महका है जो जीवन मेरा,उस से इॅकार नही मुझ को....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...