फासले बढा दिए तुम ने,पर दूरिया कम नही की हम ने--दामन बेशक बचा लिया तुुम ने
,आॅचल की यह हवा फिर भी देते रहे तुम को--मॅजर वो खुशी के भले छुपा लो हम से,
आॅखो के यह छलकते जाम हर बार छलकाते रहे तुम पे--बेवफाई की तमाम रसमे
ताउम् निभा लो जितनी,वफा की उममीदो पे खुद को खरा हर बार उतार दिया हम ने--
,आॅचल की यह हवा फिर भी देते रहे तुम को--मॅजर वो खुशी के भले छुपा लो हम से,
आॅखो के यह छलकते जाम हर बार छलकाते रहे तुम पे--बेवफाई की तमाम रसमे
ताउम् निभा लो जितनी,वफा की उममीदो पे खुद को खरा हर बार उतार दिया हम ने--