लफज....जो बन गए है साथी मेरे---लफज....जो बन चुके है धडकन मेरी---किसी राह पे
किसी मोड पे,,जब हुई खामोश यह जिॅदगी..बहती आॅखो से पननो से लिपटे यही लफज
मेरे--दिया जब भी दरद किसी अपने ने..फूट फूट के रोए फिर यही लफज मेरे--खुदा से
माॅगा जब सकून जीने के लिए..तडपा था दिल...पर लफज तो इबादत मे मशगूल थे--
किसी मोड पे,,जब हुई खामोश यह जिॅदगी..बहती आॅखो से पननो से लिपटे यही लफज
मेरे--दिया जब भी दरद किसी अपने ने..फूट फूट के रोए फिर यही लफज मेरे--खुदा से
माॅगा जब सकून जीने के लिए..तडपा था दिल...पर लफज तो इबादत मे मशगूल थे--