बरसी है जब जब बारिश की नटखट बूॅदे..छुआ है जब भी उस नेे बदन को मेरे...भिगोया
है उस ने जब भी जुलफो को मेरी...कयू अरमान बहक गए..कयू जजबात महक गए---
देखे नजारे जो कुुदरत के..वादे तेरेे कयू दिल को उलझा गए--कभी खत लिखे जो तुझ
को मैने..पननो के लफजो को कयूूू यह बादल उडा ले गए---
है उस ने जब भी जुलफो को मेरी...कयू अरमान बहक गए..कयू जजबात महक गए---
देखे नजारे जो कुुदरत के..वादे तेरेे कयू दिल को उलझा गए--कभी खत लिखे जो तुझ
को मैने..पननो के लफजो को कयूूू यह बादल उडा ले गए---