Friday 29 April 2016

टूटते सितारो की दासताॅ जो सुनी..तो इक खयाल आया....कयूू ना इक टूटे सितारे से

तुमही को माॅग ले..हसरत जो कभी की थी तेेरी,कयू ना रातो की नीॅद उडा कर इनही से

गुजारिश कर ले...रह नही सकते जब तेरे बिना,तो यह पयार छुपाए कैसे...कयू रहे यू

तनहाॅ तनहाॅ,हारे है जब खुद से..तो कयू ना सितारो से अपना हमसफर माॅग ले...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...