Saturday 23 April 2016

इक परछाई की तरह कयू साथ है मेेेरे..बरसो हुए तुझे रूखसत हुए,फिर भी खवाबो मे

कयू है साथ मेरे..उलझनो ने जब जब बेबस किया है मुझ को..बस अॅजान सा साया बन

कर कयू सॅभाला है मुझ को..खुद को जब भी तनहाॅ सोचा है हम ने..तेरी बाहो के घेरे नेे

मजबूती से थामा है मुझ को..तेरे कदमो की आहट ने,नीॅद की आगोश मे सुला दिया है

मुझ को....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...