Wednesday 13 April 2016

रॅग तेरे पयार का चढा है कुछ ऐसा..निखर रहे है सुबह के फूलो की तरह .. महक रहा है

यह जिसम तेरी मुहबबत की इॅतिहा  की तरह...आॅखो के खुलने से कयू आज सारा जहाॅ

रौशन है..खुद की तकदीर को सराहे कि दुआओ से मेरा यह दिन सरोबर है..तेरी आवाज

की इक आहट के लिए..दुलहन की तरह मेरा यह मन कयू चहक रहा हैै...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...