रॅग तेरे पयार का चढा है कुछ ऐसा..निखर रहे है सुबह के फूलो की तरह .. महक रहा है
यह जिसम तेरी मुहबबत की इॅतिहा की तरह...आॅखो के खुलने से कयू आज सारा जहाॅ
रौशन है..खुद की तकदीर को सराहे कि दुआओ से मेरा यह दिन सरोबर है..तेरी आवाज
की इक आहट के लिए..दुलहन की तरह मेरा यह मन कयू चहक रहा हैै...
यह जिसम तेरी मुहबबत की इॅतिहा की तरह...आॅखो के खुलने से कयू आज सारा जहाॅ
रौशन है..खुद की तकदीर को सराहे कि दुआओ से मेरा यह दिन सरोबर है..तेरी आवाज
की इक आहट के लिए..दुलहन की तरह मेरा यह मन कयू चहक रहा हैै...