Monday 18 April 2016

हौले से कही वो बात तेेरी..गूॅज गई कानो मे शहनाईयो की तरह...सिरहन सी जगा गई

अनकही अनसुनी गुफतगू की तरह..बॅद आॅखो मे सजाते है हजारो खवाब नए..तेरे साथ

जीने के मदहोशी रॅग लिए...बहुत दूर तक चलना है साथ तेरे..आसमाॅ की बुलनदियो को

छूना है मुुझे...सरताज है तू मेरा जीवन का..बहक रहा है यह मन किसी परिॅदे की तरह..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...