हमारी आॅखो मे..वो सूरत अपनी ढूॅढते ही रहे--पलको की हरकत मे..वो बेताबी ही खुद
की तलाश करते रहे--अपने हाथो मे हमारा चेहरा लिए..वो अपना वजूद देखते रहे.देखते
रहे--रात भर हमारी खूबसूरती पर..नगमे लिखते रहे.लिखतेे रहे---उन पननो पे जो देखा
हम ने अपना नाम..बस...उन को पाने के लिए मचलते रहे..मुुसकुराते रहे---
की तलाश करते रहे--अपने हाथो मे हमारा चेहरा लिए..वो अपना वजूद देखते रहे.देखते
रहे--रात भर हमारी खूबसूरती पर..नगमे लिखते रहे.लिखतेे रहे---उन पननो पे जो देखा
हम ने अपना नाम..बस...उन को पाने के लिए मचलते रहे..मुुसकुराते रहे---