तू आज भी हैै हजारो के साथ..उन की खुशी के लिए--बेवफाई की है तूने मेरी मुहबबत
की आजमाइश के लिए--मुहबबत बिकाऊ नही होती..वो भी किसी बदनुमा इमतिहान के
लिए--पयार कोई खेल नही..यह तो जजबातो का मॅदिर है---वफाऐ हुसन झुकता है जहा
..वही इशक दिल मे लेता है जगह---यह बात और है कि दिल के टुकडे गिरते है यहा ..
कभी किसी के लिए तो कभी किसी के लिए---
की आजमाइश के लिए--मुहबबत बिकाऊ नही होती..वो भी किसी बदनुमा इमतिहान के
लिए--पयार कोई खेल नही..यह तो जजबातो का मॅदिर है---वफाऐ हुसन झुकता है जहा
..वही इशक दिल मे लेता है जगह---यह बात और है कि दिल के टुकडे गिरते है यहा ..
कभी किसी के लिए तो कभी किसी के लिए---