Thursday 11 February 2016

ना तुम नेे कुुछ कहा..ना मैने कुछ कहा...फिर भी सब सुन लिया....नजऱे मिली,नजऱे

झुकी..और पयार हो गया...दिल को थामे..दिल ही दिल मे इकरार हो गया...यह धडकने

अब कयू बहकती है...शहनाईयो का मौसम आ गया..तेरा मिलन मेरा मिलन यह कहता

हैै..टूट के मेरी बाहो मे आ कि तेरा वजूद मेरे वजूद मे समा गया...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...