Saturday 6 February 2016

हर चाहत वो नही होती,जो परवान चढती ही--टूट कर चाहे कोई,और अपना बना कर ले

जाए कोई--हसरते आधी अधूूरी ही रह जाती है,टूट के डाल से खुद मे ही बिखर जाती है--

यकीॅ करने के लिए कोई होता ही नही,सपनो मे रॅग देेनेे के लिए आशियाना फिर

मिलता ही नही--जखम देने को हजारो मिलते है,पर सकून देने के लिए फिर खवाहिशे

जुडती ही नही--

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...