Wednesday 17 February 2016

तेरा दिया वो आशियाना,मेरी मुहबबत केे लिए--तेरी इस सौगात पे आज भी कुरबान हैै

तेरे लिए--तू नही साथ मेरे,फिर भी रूह ने तेरी दसतक दी है हर पल..मेरे दिल के लिए--

नही है आज तेरे आशियानेे मे..बेकरारी है बहुत उस मे लौट जाने के लिए--ना रहे तो मर

के रहे गे तेरे उस आशियाने मे---बसाए गे इक नई दुनिया..जो होगी बस तेरे लिए और

मेरे लिए----

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...