उदास जिनदगी के मोड पर..इक हसीन शाम मिली...जो धीमे से कह गई.....जिनदगी
अभी इतनी बेेवफा भी नही.....देख...परिनदो ने अभी चहचहाना नही छोडा...हवाओ ने
फिजाओ को दीवाना बनाना भी नही छोडा...यह फूल महक रहे है आज भी तेरे लिए....
इन की खुशबू ने तेरा दामन आज भी नही छोडा...पलके ना भिगो अपनी...कि जिनदगी
अभी भी बेवफा नही इतनी......
अभी इतनी बेेवफा भी नही.....देख...परिनदो ने अभी चहचहाना नही छोडा...हवाओ ने
फिजाओ को दीवाना बनाना भी नही छोडा...यह फूल महक रहे है आज भी तेरे लिए....
इन की खुशबू ने तेरा दामन आज भी नही छोडा...पलके ना भिगो अपनी...कि जिनदगी
अभी भी बेवफा नही इतनी......