यह आॅसू हैै या गुबार है दिल का--यह समनदर है या सैलाब है किसमत का--जो कभी हो
नही सकता,वो अधूरा सा खवाब कयू देखा हम ने--दामन तो भरा है काॅटो से,फिर कयू
गुलाब की हसरत की हम ने--बाइजजत बरी हो जाए इस दुनिया से,ना हो मलाल कभी
उस चाहत का-जो मेरा नही-फिर भी मेरा है---
नही सकता,वो अधूरा सा खवाब कयू देखा हम ने--दामन तो भरा है काॅटो से,फिर कयू
गुलाब की हसरत की हम ने--बाइजजत बरी हो जाए इस दुनिया से,ना हो मलाल कभी
उस चाहत का-जो मेरा नही-फिर भी मेरा है---