इक उदासी जो दिल पे छाई है--बेेवजह किसी की याद आई है--ना नाम था उस रिशते
का--ना मुलाकात ही हो पाई है--दिल को जो टटोला,तो ना कही मुहबबत की कसक आई
है--आॅखो को जो छुआ तो पलको मे नमी आई है--रूह से जो पूछा तो उस ने कहा-यह
तो उस रूह से जुडी तेरी जनमो की तनहाई है----
का--ना मुलाकात ही हो पाई है--दिल को जो टटोला,तो ना कही मुहबबत की कसक आई
है--आॅखो को जो छुआ तो पलको मे नमी आई है--रूह से जो पूछा तो उस ने कहा-यह
तो उस रूह से जुडी तेरी जनमो की तनहाई है----