Tuesday 5 January 2016

ऱाज है बहुत गहरा इस दिल मे,ना बताए गे उनहे----कदमो की आहट मे छिपा है

इनतजाऱ कितना,कयू बताए गे उनहे---पऱिनदे उडे तो सुुबह होने का खय़ाल आया हमे,

किस लिए रात भर जागे-यह भी ना बताए गे उनहे----झॅकार पायल की बजती रही रात

के अॅधेरे मे,पुकार रही है तुमहे---आओ गे तो खुद ही जान जाओ गे इनहे----

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...