तुम साथ चले मेरे,तो महक गए हम--साॅसो ने जो छुआ,बहक कयू गए हम--रिशतेे का
यह नशा कैसा है..हमदम मेरे--बॅधे है जब से साथ तेरे,यू ही चहक रहे है हम----कभी
अलविदा ना कहना..ना मुझ से खफा होना---तेरे बदन से कया लिपटे,तेरा साया ही कयू
बन गए है हम---
यह नशा कैसा है..हमदम मेरे--बॅधे है जब से साथ तेरे,यू ही चहक रहे है हम----कभी
अलविदा ना कहना..ना मुझ से खफा होना---तेरे बदन से कया लिपटे,तेरा साया ही कयू
बन गए है हम---