Monday 28 December 2015

खवाब तो टूटते रहे,बिखरते रहे---पर तुझे याद करना नही भूले---जिललते जमाने की

सही,फिर भी तुझे सलाम करना नही भूले---हजारो हसरतो को सीने मे दबाए,बेचैन होते

रहे-पर तेरी मुहबबत को आबाद करना फिर भी नही भूले----आज तुम नूर हो किसी और

की दुनिया का,पर अपनी नीॅदे आज भी उडा देना--नही भूले-नही भूले----

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...