धडकते दिल से--तेरे दिल की धडकने सुन रहे है हम---मदहोशी का आलम है-फिर भी
तेरी खिदमत को मुकददर अपना मान रहे है हम---खनकती चूडियो मे छिपा है-तेरे
पयार का ऐतबाऱ----फिर कयू ना महके मेरा जिसम-ए-सॅसार----मचल मचल कर कह
रही है मननते मेरी-तेरे साथ रह कर जिनदगी की तमाम खुशिया बटोर रहे है हम-----
तेरी खिदमत को मुकददर अपना मान रहे है हम---खनकती चूडियो मे छिपा है-तेरे
पयार का ऐतबाऱ----फिर कयू ना महके मेरा जिसम-ए-सॅसार----मचल मचल कर कह
रही है मननते मेरी-तेरे साथ रह कर जिनदगी की तमाम खुशिया बटोर रहे है हम-----