मै मुहबबत हू तेरी,तेरा महका सा चमन--ना पाना कभी खुद को तनहा,कि हू मै तेरा
अनदाजे-बया---शाख से टूटा हुआ फूल हू बेशक,पर जिनदगी तेरी से जुडा हू इक परवाने
खिजा---परिनदो की तरह उडना नही सीखा,पर रजा तेरी से जुडा है मेरा शाहे-खुदा----
अनदाजे-बया---शाख से टूटा हुआ फूल हू बेशक,पर जिनदगी तेरी से जुडा हू इक परवाने
खिजा---परिनदो की तरह उडना नही सीखा,पर रजा तेरी से जुडा है मेरा शाहे-खुदा----