बिना नकाब पहने,वो बदलते रहे चेहरे पे चेहरा--हर चेेहरा देता रहा-पैगाम अपना अपना
-खयाल अपना अपना---शमाॅ बुझी तो दीवाना हुआ रौशन--कहा गया वो सुऱख जोडे मे
सिमटा दिलदार मेरा---बहकते कदमो से जो उठाया दुपटटा उस का--हर शखस सामने
आया,बुझे कदमो से सलामी देता हुआ------
-खयाल अपना अपना---शमाॅ बुझी तो दीवाना हुआ रौशन--कहा गया वो सुऱख जोडे मे
सिमटा दिलदार मेरा---बहकते कदमो से जो उठाया दुपटटा उस का--हर शखस सामने
आया,बुझे कदमो से सलामी देता हुआ------