कभी उतरा जो तेरी चाहत का नशा,तो इस दुनिया को देख पाए गे---हर सुबह तेरी ही
इबादत है,हर रात है तेरे सजदे मे----घूम रहे है तेरे ही आस-पास उममीदे-वफा को लिए
----जननत से आ रही है दुआए,तेरी ही जिनदगी के लिए---सज-सॅवर कर बैठे है,फिर से
तेरी ही पनाह मे मुहबबत तेरी पाने के लिए------
इबादत है,हर रात है तेरे सजदे मे----घूम रहे है तेरे ही आस-पास उममीदे-वफा को लिए
----जननत से आ रही है दुआए,तेरी ही जिनदगी के लिए---सज-सॅवर कर बैठे है,फिर से
तेरी ही पनाह मे मुहबबत तेरी पाने के लिए------