फूल बिछाए है तेरी राहो मे,हमदम मेरे अब तो आ जा--मिननतो से सजाया है अपना आशियाना
,कि अब तो आ जा---बनिदशे जमाने की लाख हो चाहे,पर मेरी खुशी के लिए सब छोड
के आ जा----यह दुनिया कब कहाॅ किस की हुई है,गर माना है मुझे अपना तो सब भुला
कर आ जा---
,कि अब तो आ जा---बनिदशे जमाने की लाख हो चाहे,पर मेरी खुशी के लिए सब छोड
के आ जा----यह दुनिया कब कहाॅ किस की हुई है,गर माना है मुझे अपना तो सब भुला
कर आ जा---