हवाओ के झोको से,मिला है पैगाम तेरा---तेरी साॅसो मे बसते है हम-पैगाम मे छिपा है
यह एहसास तेरा-----फूलो मे,फिजाओ मे--तेरी निगाहो के खामोश लफजो मे--ठूठ चुके
है इकरार तेरा---तेरी ऱजा से जुडी है मेऱी भी ऱजा--ना अब दूर रहो इतना,कि शहनाईयो
की गूज से महक रहा सॅसार मेरा-------
यह एहसास तेरा-----फूलो मे,फिजाओ मे--तेरी निगाहो के खामोश लफजो मे--ठूठ चुके
है इकरार तेरा---तेरी ऱजा से जुडी है मेऱी भी ऱजा--ना अब दूर रहो इतना,कि शहनाईयो
की गूज से महक रहा सॅसार मेरा-------