रिशता तो कुछ भी नही-कयू दिल मे बस गए हो तुम---दूरिया बहुत है-कयू लगता है
फिर भी-कि बहुत करीब हो तुम---आॅखे जो बनद की हम ने-कयू लगा कि पलको मे
सिमट गए हो तुम----यह मुहबबत नही तो और कया है--कि सोते है हम-कयू खवाबो मे
रोज दिख जाते हो तुम-----
फिर भी-कि बहुत करीब हो तुम---आॅखे जो बनद की हम ने-कयू लगा कि पलको मे
सिमट गए हो तुम----यह मुहबबत नही तो और कया है--कि सोते है हम-कयू खवाबो मे
रोज दिख जाते हो तुम-----