Tuesday 29 September 2015

सूूरज सी रौशन राहो मे,सफर अपना गुजारा है---चाॅदनी की हसीन रातो मे,मुहबबत का

सकून पाया है---खनकती चूडियो ने पैगाम भेजा है तुझे---दिल तडप कर बस पुकारता

है तुझे---यू ही तो नही गिला करती है मेरी सरद आहे---पयार के इस मुकाम पे आ कर

कयू छोडा है तुम ने मुझे------

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...