जब तक जिनदा है-किसी इलजाम से बरी नही होगे--कब कहा किस ने हमे-कितना
तनहा किया-इस का खुलासा ना कर पाए गे--पर कागज के पननो पे वो सारे ऱाज लिख
जाए गे--बद से बदनाम हो कर जी रहे है हम-पर फिर भी खुद से किए हर वादे को पूरा
कर के जाए गे हम--उममीदे नही की है-पर खुद की साॅसो के बोझ तले जी रहे है हम--
तनहा किया-इस का खुलासा ना कर पाए गे--पर कागज के पननो पे वो सारे ऱाज लिख
जाए गे--बद से बदनाम हो कर जी रहे है हम-पर फिर भी खुद से किए हर वादे को पूरा
कर के जाए गे हम--उममीदे नही की है-पर खुद की साॅसो के बोझ तले जी रहे है हम--