इनतजाऱ जहा खतम होता है-मेरी हद वही से शुरू होती है--जिनदगी जहा खतम हो
जाती है-बस उसी मोड से यह साॅसे साॅस लेती है--टुकडे टुकडे टूटती यह खवाहिशे जब
भी दम तोड जाती है-उसी दम के छोर से मुहबबत मिल जाती है---हवाओ की रूखसती
जब भी खामोश होती है-नई दिशा की कामयाबी मेरे साथ होती है-----
जाती है-बस उसी मोड से यह साॅसे साॅस लेती है--टुकडे टुकडे टूटती यह खवाहिशे जब
भी दम तोड जाती है-उसी दम के छोर से मुहबबत मिल जाती है---हवाओ की रूखसती
जब भी खामोश होती है-नई दिशा की कामयाबी मेरे साथ होती है-----