कभी फूलो मे,कभी बगीचो मे,कभी राहे-गुजऱ मे तुम थे साथ मेरे---परिनदो की उडान
को गिनते,वो सपने भी साथ गिने तुम ने-----हजारो मननते पूरी हो हमारी,उस का
शुकराना भी खुदा से मुकऱऱ किया तुम ने--कभी खुशी होगी कभी गम--राहे जिनदगी मे
साथ देने का वादा भी किया तुम ने--पर आज वकत का वो दौर देखा,जब तुम ने कहा
मुझ से---आप कौन है मेरे--यह सवाल कयू दाग दिया तुम ने मुझ पे----
को गिनते,वो सपने भी साथ गिने तुम ने-----हजारो मननते पूरी हो हमारी,उस का
शुकराना भी खुदा से मुकऱऱ किया तुम ने--कभी खुशी होगी कभी गम--राहे जिनदगी मे
साथ देने का वादा भी किया तुम ने--पर आज वकत का वो दौर देखा,जब तुम ने कहा
मुझ से---आप कौन है मेरे--यह सवाल कयू दाग दिया तुम ने मुझ पे----