Tuesday 7 April 2015

मिले नही कभी तुम से, कयू अफसाने बन गए तेरे मेरे पयार के---कभी देखा नही तुम

 को,कयू हो गए इकरार के चरचे हमारे पयार के---मुहबबत की पनाहो मे नही रहे,फिर

कयू आखिर हम बदनाम हो गए---इबादत तेरी मे कहाॅ जुडे,पर जनमो के कयू गुलाम हो

गए---तनहाॅ भी नही हुए,फिर कयू आॅखो के आॅसूओ से बेहाल हो गए--------------

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...