इनतजाऱ खतम नही हुआ अभी-रहे गा उमर भर----लमहा लमहा सॅजो रहे है खुशिया --
जिनदगी की सहऱ तक-कोई दसतक,कोई आवाज आज भी आए तो दीवानगी की सीमा
और भी बढ जाती है--पहर पहर---यू ही नही कहते मुहबबत इमतिहान लेती रहती है---
हर पल हर पल रह रह कर----------
जिनदगी की सहऱ तक-कोई दसतक,कोई आवाज आज भी आए तो दीवानगी की सीमा
और भी बढ जाती है--पहर पहर---यू ही नही कहते मुहबबत इमतिहान लेती रहती है---
हर पल हर पल रह रह कर----------