जिनदगी हर कदम पे एक उलझा सा सवालात कयो है--कभी मिल कर भी इतनी दूर का
खवाब कयो है----कभी इस से बेबसी का एहसास कयो हो जाता है--तो कभी खुशनसीबी
से भी बडा हिसाब नही मिल पाता है--कदम दर कदम यह जिनदगी कयो परेशान करती
है---ना छूटती है ना कभी खतम होने का मुकाम बनाती है---------
खवाब कयो है----कभी इस से बेबसी का एहसास कयो हो जाता है--तो कभी खुशनसीबी
से भी बडा हिसाब नही मिल पाता है--कदम दर कदम यह जिनदगी कयो परेशान करती
है---ना छूटती है ना कभी खतम होने का मुकाम बनाती है---------