पलके बिछाए बैठे है तेरी राहो मे--यह इनतजाऱ कोई कम तो नही----तुम ने लगाए
कितने इलजाम मुझ पे--फिर भी तलबगार है तेरे,यह कोई कम तो नही---हवाओ के
रूख मोड कर तुमहे बुलाया है हम नेे--यह बुलावा भी कोई कम तो नही---तेरी बेवफाई
से दिल रोया है जाऱ जाऱ,फिर भी इबादत के लिए-बस-तुमही को पुकारा है-यह भी कुछ
कम तो नही------------
कितने इलजाम मुझ पे--फिर भी तलबगार है तेरे,यह कोई कम तो नही---हवाओ के
रूख मोड कर तुमहे बुलाया है हम नेे--यह बुलावा भी कोई कम तो नही---तेरी बेवफाई
से दिल रोया है जाऱ जाऱ,फिर भी इबादत के लिए-बस-तुमही को पुकारा है-यह भी कुछ
कम तो नही------------