Thursday 5 March 2015

पलके बिछाए बैठे है तेरी राहो मे--यह इनतजाऱ कोई कम तो नही----तुम ने लगाए

कितने इलजाम मुझ पे--फिर भी तलबगार है तेरे,यह कोई कम तो नही---हवाओ के

रूख मोड कर तुमहे बुलाया है हम नेे--यह बुलावा भी कोई कम तो नही---तेरी बेवफाई

से दिल रोया है जाऱ जाऱ,फिर भी इबादत के लिए-बस-तुमही को पुकारा है-यह भी कुछ

कम तो नही------------

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...