Tuesday 31 March 2015

साॅसो मे घुल रही है तेरे सपनो की महक--वो सपने जो बस तेरे है और मेरे है--हजारो

उममीदो के साथ चल रहे है साथ तेरे-इक नई दुनियाॅ की तलाश मे---वजूद तेरा भी है

वजूद तो मेरा भी है--मनिजल तो तेरी भी वही,मेरी भी वही--रासतो के दरमय़ा कयू है

इतनी उलझने-कयू नही हो पाता तेरा मेरा मिलन-कयू खामोशियो मे घुलती जा रही है

तेेरे मेरे सपनो की सहऱ----------

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...